India-Canada Crisis:-भारत और कनाडा के बीच हालिया तनाव ने दोनों देशों के संबंधों में एक नई चुनौती पैदा कर दी है। विवाद की जड़ 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस बयान से शुरू हुई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार के एजेंटों का कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हर्दीप सिंह निज्जर की हत्या से संबंध है। यह आरोप भारत ने “बेतुका” और “बिना तथ्यों के” बताते हुए खारिज कर दिया था।
India-Canada Crisis:-खालिस्तान विवाद
2024 में यह विवाद और गहरा हो गया जब भारत ने कनाडा के 6 शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और उन्हें 19 अक्टूबर तक देश छोड़ने का आदेश दिया। इस कदम के पीछे मुख्य कारण कनाडा द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोप थे, जिनमें भारत के राजनयिकों को हत्या की साजिश में शामिल बताया गया था।जवाब में, कनाडा ने भी भारत के 6 राजनयिकों को निष्कासित किया, जिससे दोनों देशों के संबंध और अधिक खराब हो गए।
India-Canada Crisis-भारत ने कनाडा के राजनयिकों को देश छोड़ने का दिया आदेश–
यह तनाव न केवल राजनयिक संबंधों पर असर डाल रहा है, बल्कि व्यापारिक और सुरक्षा मामलों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद व्यापारिक समझौतों पर अब खतरा मंडराने लगा है, और यह विवाद अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी चर्चा का विषय बन चुका है। कनाडा की तरफ से खालिस्तानी आंदोलनों को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन भारत का मानना है कि इन मुद्दों को राजनीतिक लाभ के लिए उठाया जा रहा है।
दोनों देशों के बीच यह तनाव कब तक रहेगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन यह साफ है कि इस मुद्दे ने द्विपक्षीय संबंधों में दरार डाल दी है, जिसे ठीक होने में काफी समय लग सकता है।