Lady Justice:-नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2024 – सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने आज नई न्याय की देवी (Lady Justice) की प्रतिमा का अनावरण किया, जिसमें कुछ प्रमुख बदलाव किए गए हैं। अब प्रतिमा की आंखों पर पट्टी नहीं है और तलवार की जगह भारतीय संविधान पकड़े हुए है, जिससे यह संकेत मिलता है कि न्याय अब अंधा नहीं, बल्कि सभी के लिए समान है। यह बदलाव चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की पहल का हिस्सा है, जो औपनिवेशिक प्रतीकों से दूरी बनाते हुए संविधान आधारित न्याय को बढ़ावा देता है।
Lady Justice:-
न्याय की देवी की नई प्रतीकात्मकता
न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाकर और उनके हाथ में तलवार की जगह संविधान देकर यह संदेश दिया गया है कि भारतीय न्याय व्यवस्था “अंधी” नहीं है, बल्कि सभी को समान दृष्टि से देखती है। यह बदलाव न्यायिक प्रक्रिया को संवेदनशील और समावेशी बनाने के लिए है। प्रतिमा में अभी भी न्याय का तराजू है, जो न्याय की निष्पक्षता का प्रतीक है।
न्यायिक सुधारों का हिस्सा
यह नया स्वरूप भारत में न्यायिक सुधारों का हिस्सा है, जिसमें पुराने औपनिवेशिक कानूनों को बदलकर नए आधुनिक कानून लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। न्याय की देवी की यह नई प्रतिमा न्याय की संवैधानिकता और समानता की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जो न्यायपालिका के विकसित हो रहे दृष्टिकोण को उजागर करता है।
इस बदलाव का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में सार्वजनिक विश्वास को बढ़ावा देना और न्याय प्रणाली को अधिक संवेदनशील व समावेशी बनाना है।