Rajkumar Jat murder case updates: जब तक न्याय नहीं मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के झबरकिया गांव के निवासी 24 वर्षीय राजकुमार जाट की हत्या ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि समूचे राजस्थान और गुजरात के समाज को झकझोर कर रख दिया है। वह राजकोट में यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, लेकिन 2 मार्च 2025 को गोंडल में एक भाजपा विधायक के घर के बाहर सुरक्षा कर्मियों से हुई कहासुनी के बाद वह लापता हो गए। उनका शव 4 मार्च को राजकोट-अहमदाबाद हाईवे पर मिला, जिसे पुलिस ने सड़क हादसा बताया। लेकिन परिवार और समाज ने इसे हत्या मानते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।
Rajkumar Jat murder case updates:संदिग्ध परिस्थितियाँ और आरोप
राजकुमार के पिता रतनलाल जाट ने आरोप लगाया है कि गोंडल के पूर्व भाजपा विधायक जयराजसिंह जाडेजा के बेटे गणेश जाडेजा और उनके साथियों ने उनके बेटे की हत्या की। उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। इससे परिवार और समाज में आक्रोश फैल गया। गोंडल में राजकुमार के शव के पास मिले चोटों के निशान और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने हत्या के शक को और मजबूत किया है।
न्याय की लड़ाई
राजकुमार के परिवार और समाज ने न्याय की लड़ाई तेज कर दी है। राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल और उम्मेदराम बेनीवाल ने संसद में इस मामले को उठाया और सीबीआई जांच की मांग की। जनता और छात्र संगठन भी सड़कों पर उतर आए हैं। भीलवाड़ा में प्रदर्शन हुए, और जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट के बाहर धरने दिए गए। लोगों का कहना है, “जब तक राजकुमार को न्याय नहीं मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा।”
संदिग्ध पृष्ठभूमि
गणेश जाडेजा का आपराधिक इतिहास भी इस मामले को और संदिग्ध बनाता है। उन्हें 2024 में एक दलित नेता संजय सोलंकी पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनके पिता जयराजसिंह जाडेजा 2004 में एक संपत्ति विवाद में हत्या के आरोपी थे, हालांकि 2010 में उन्हें बरी कर दिया गया था। लेकिन 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया और उम्रभर की सजा सुनाई। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
परिवार की अपील
राजकुमार की बहन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “हमारे भाई को न्याय दो, उसकी हत्या को दुर्घटना मत बनाओ।” परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वे चुप नहीं बैठेंगे।
राजकुमार जाट की हत्या का मामला न केवल एक छात्र की हत्या का मामला है, बल्कि यह न्याय, राजनीति और समाज के बीच संघर्ष का प्रतीक बन गया है। परिवार और समाज की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा।