Trump Tariffs India: बड़ी खबर: भारत पर ट्रंप का टैरिफ बम
30 जुलाई 2025, बुधवार की रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा झटका देते हुए भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। यह नई दरें 1 अगस्त 2025 से लागू होंगी और भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले तमाम सामानों पर लागू होंगी।
इस फैसले से सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के बिजनेस समुदाय में हलचल मच गई है। अमेरिका पहले ही चीन, यूरोप और मेक्सिको जैसे कई देशों पर टैरिफ लगा चुका है, और अब भारत की बारी आ चुकी है। इस टैरिफ की मार ने भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में खटास और बढ़ा दी है।
भारत पर असर: इकोनॉमी और एक्सपोर्टर्स की सेहत पर चोट
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या इस टैरिफ की वजह से भारत की रॉकेट-गति वाली GDP की स्पीड धीमी हो जाएगी? इस पर बड़े-बड़े ब्रोकरेज फर्म्स ने चेतावनी दी है:
ब्रोकरेज रिपोर्ट्स कहती हैं:
- Nomura: भारत की जीडीपी ग्रोथ में 0.2% की गिरावट आ सकती है।
- Goldman Sachs: ग्रोथ में 0.3% की कमी का अनुमान।
- Barclays: गोल्डमैन के अनुमान से सहमति जताई है, यानी मंदी का असर साफ दिखेगा।
यह गिरावट छोटी दिख सकती है, लेकिन जिस देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही हो, उसके लिए ये एक ब्रेक लगाने जैसा असर होगा।
क्यों लगा ट्रंप का ये भारी भरकम टैरिफ?
भारत–रूस की नज़दीकी बनी वजह
Goldman Sachs का मानना है कि ट्रंप के इस फैसले के पीछे भारत और रूस के बीच हालिया डिफेंस और एनर्जी डील है, जो अमेरिका को रास नहीं आई।Nomura के मुताबिक, अमेरिका और भारत के बीच बढ़ता हुआ ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) भी इस टैरिफ का प्रमुख कारण है। अमेरिका को भारत से ज़्यादा आयात हो रहा है, और ट्रंप इसे संतुलित करना चाहते हैं।
प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने का डर
भारत पहले ही फार्मा, स्टील, टेक्सटाइल्स और केमिकल्स जैसे क्षेत्रों में अमेरिका पर काफी निर्भर है। इस टैरिफ के बाद:
- भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे वियतनाम जैसे देशों को फायदा मिलेगा।
- भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर होगी।
- नुकसान MSMEs और मजदूरों तक पहुंचेगा, क्योंकि इनसे जुड़ी इंडस्ट्रीज़ पर सीधा असर होगा।
निवेशकों की चिंता: शेयर बाजार और रुपया भी लड़खड़ाया
- BSE Sensex और Nifty में टैरिफ के बाद गिरावट देखी गई।
- Rupee डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ (₹87.7/$ के आसपास)।
- निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और अस्थिरता बढ़ रही है।
सरकार और RBI की तैयारी क्या है?
- RBI ने ग्रोथ सपोर्ट के लिए ब्याज दरों में कटौती की है (रिपो रेट घटाया गया)।
- सरकार अमेरिका से समझौते की कोशिश कर रही है, ताकि टैरिफ को कम किया जा सके।
- डाइवर्सिफिकेशन की योजना: भारत अन्य देशों जैसे यूरोप, मिडिल ईस्ट, ASEAN के साथ व्यापार बढ़ा रहा है।
संकट में भी अवसर
- ट्रेड डील की बातचीत जारी है: अगस्त में टैरिफ पर दोबारा बातचीत हो सकती है, जिससे राहत मिलने की उम्मीद।
- मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट मिल सकता है, अगर भारत घरेलू उत्पादन को तेज़ करे और विदेश से निवेश आकर्षित करे।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान को इस संकट से नया मौका मिल सकता है।
Trump Tariffs India: क्या रॉकेट थमेगा या और तेज़ दौड़ेगा?
पॉइंट | असर |
GDP ग्रोथ | 0.2-0.3% गिरावट संभव |
एक्सपोर्ट | अमेरिका में मांग घट सकती है |
ट्रेड डील | उम्मीद अभी बाकी है |
निवेश | अस्थिर लेकिन दीर्घकाल में स्थिर हो सकता है |
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है, लेकिन इस तरह के झटके उसे हिला सकते हैं। अगर सरकार समझदारी से डील करती है और निर्यात का रुख बदलती है, तो भारत फिर से तेज़ रफ्तार पकड़ सकता है।
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