Independence Day 2025 Speech: आज़ादी के 79 साल – सम्मान, संकल्प और स्वर्णिम भविष्य का वादा
नमस्ते दोस्तों!
आज भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह दिन सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं है, बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिल की धड़कन है, एक ऐसा गौरवशाली पल जो हमें 15 अगस्त 1947 की याद दिलाता है—जब हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत की जंजीरों को तोड़कर आज़ाद हुआ था।
आज़ादी की कहानी – साहस और बलिदान का इतिहास
हमारी आज़ादी लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और संघर्ष से हासिल हुई। महात्मा गांधी जी ने हमें अहिंसा की ताकत सिखाई, भगत सिंह ने अपनी वीरता से युवाओं में जोश जगाया, और रानी लक्ष्मीबाई ने दुश्मनों के सामने अडिग होकर लड़ाई लड़ी। इन सभी ने हमें यह सिखाया कि आज़ादी मुफ्त में नहीं मिलती, इसके लिए सब कुछ कुर्बान करना पड़ता है।
तिरंगे के रंग – भारत की पहचान
आज जब हम तिरंगा फहराते हैं, तो उसके हर रंग का अपना एक संदेश होता है—
- केसरिया – साहस और बलिदान
- सफेद – शांति और सच्चाई
- हरा – समृद्धि और विकास
- अशोक चक्र – आगे बढ़ते रहने का संकल्प
यह झंडा हमें रोज़ याद दिलाता है कि हमें इन मूल्यों को अपने जीवन में उतारना है।
2025 का थीम – “नया भारत” – 79वां स्वतंत्रता दिवस
आज भारत पूरे गौरव और उत्साह के साथ अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह दिन हमें 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घड़ी की याद दिलाता है, जब भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता पाई थी। इस वर्ष की थीम है – “नया भारत”, जो 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में हमारी सामूहिक यात्रा का प्रतीक है।
थीम का महत्व – “नया भारत”
“नया भारत” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक विज़न है—एक ऐसा भारत जो समृद्ध, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और नवाचार में अग्रणी हो। यह थीम हमें याद दिलाती है कि आज़ादी के साथ हमारी ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है। आज भारत अंतरिक्ष से लेकर डिजिटल क्रांति तक, हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है। ISRO की ऐतिहासिक सफलताएँ, तकनीकी विकास, शिक्षा और कृषि में प्रगति—ये सब हमारे सपनों के भारत की ओर बढ़ते कदम हैं।
लेकिन, आज़ादी सिर्फ अधिकार नहीं, ज़िम्मेदारी भी है। गरीबी, असमानता और अन्याय से मुक्त भारत का सपना अब हमारी पीढ़ी को पूरा करना है।
युवा पीढ़ी – विकास की मशाल
हम, भारत के युवा, आने वाले कल के निर्माता हैं। हमें जलवायु परिवर्तन, सामाजिक असमानता और सतत विकास जैसी चुनौतियों से निपटना है। छोटे–छोटे कदम—जैसे पर्यावरण की रक्षा, स्थानीय उत्पादों का समर्थन, स्वच्छता का पालन—बड़े बदलाव ला सकते हैं।
शिक्षा हमारा सबसे बड़ा हथियार है। हमें इसे इस्तेमाल करना है नवाचार के लिए, सवाल पूछने के लिए, और ऐसे समाधान बनाने के लिए जो देश को आगे ले जाएँ।
देश के सच्चे नायक
इस साल लाल किले पर 50 सफाई कर्मियों को विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा—एक याद दिलाने वाला संदेश कि देश की प्रगति में हर योगदान महत्वपूर्ण है। हमारे सैनिक, किसान, डॉक्टर, शिक्षक—ये सभी हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं।
आओ मिलकर संकल्प लें
इस स्वतंत्रता दिवस पर आइए हम सब मिलकर एक ऐसे विकसित भारत का सपना देखें जो 2047 तक पूरी तरह साकार हो, जहाँ हर नागरिक खुशहाल हो और भारत विश्व में उम्मीद और प्रगति की मिसाल बने।
जय हिंद! जय भारत!
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