Bombay High Court citizenship ruling: आधार, पैन और राशन कार्ड अब नागरिकता का प्रमाण नहीं
नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करेंगे एक ऐसे अहम फैसले की, जो भारतीय नागरिकता से जुड़े नियमों को सीधे प्रभावित करता है। हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी या राशन कार्ड जैसी डॉक्यूमेंट्स अकेले नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। यह फैसला 12 अगस्त 2025 को सुनाया गया और खासकर अवैध प्रवासियों के मामलों में दस्तावेज़ों की वैधता पर जोर देता है। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
फैसले की पृष्ठभूमि और मुख्य बातें
यह टिप्पणी उस केस में आई जिसमें एक व्यक्ति पर आरोप था कि वह बांग्लादेशी अवैध प्रवासी है और उसने जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया।
मुख्य बिंदु:
- अदालत ने कहा कि आधार, पैन, वोटर आईडी या राशन कार्ड केवल पहचान और सेवाओं के लिए होते हैं, नागरिकता के कानूनी प्रमाण नहीं।
- नागरिकता अधिनियम, 1955 भारत में राष्ट्रीयता निर्धारित करने वाला मुख्य कानून है।
- यदि किसी पर विदेशी मूल का शक हो, तो नागरिकता साबित करने का बोझ उस व्यक्ति पर होता है।
- पासपोर्ट भी पर्याप्त नहीं हो सकता अगर उसकी प्रामाणिकता पर शक हो।
अदालत ने UIDAI और पासपोर्ट कार्यालय जैसे प्राधिकरणों से सत्यापन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
भारतीय नागरिकता साबित करने के वैध दस्तावेज़
नागरिकता अधिनियम, 1955 और सरकारी नियमों के अनुसार, केवल ये दस्तावेज़ वैध नागरिकता प्रमाण माने जाते हैं:
- भारतीय पासपोर्ट
- विदेश मंत्रालय द्वारा जारी
- यात्रा और सरकारी कामकाज के लिए मुख्य पहचान
- पासपोर्ट अधिनियम, 1967 और नागरिकता अधिनियम से जुड़ा
- विदेश मंत्रालय द्वारा जारी
- जन्म प्रमाणपत्र
- जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत जारी
- भारत में जन्म और अभिभावकों की नागरिकता के आधार पर
- जन्म स्थान और माता–पिता की जानकारी शामिल
- जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत जारी
- राष्ट्रीयता प्रमाणपत्र
- जिला अधिकारी, राज्य सरकार या गृह मंत्रालय द्वारा विशेष मामलों में जारी
- सरकारी नौकरी, शिक्षा कोटा या कानूनी विवाद के लिए
- सीधे नागरिकता की पुष्टि करता है
- जिला अधिकारी, राज्य सरकार या गृह मंत्रालय द्वारा विशेष मामलों में जारी
- प्राकृतिककरण प्रमाणपत्र
- नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत 12 साल निवास और योग्यताओं को पूरा करने पर
- अनुदानित नागरिकता का सीधा प्रमाण
- नागरिकता अधिनियम की धारा 6 के तहत 12 साल निवास और योग्यताओं को पूरा करने पर
- पंजीकरण प्रमाणपत्र
- धारा 5 के तहत भारतीय मूल या विवाहित व्यक्तियों/नाबालिगों के लिए
- आवेदन और सत्यापन के बाद गृह मंत्रालय द्वारा जारी
- धारा 5 के तहत भारतीय मूल या विवाहित व्यक्तियों/नाबालिगों के लिए
ध्यान दें: कोई भी एकल डॉक्यूमेंट हमेशा पर्याप्त नहीं है। संदर्भ और सत्यापन मायने रखते हैं।
🚨 BIG DECISION by Bombay High Court
Merely having Aadhaar, PAN or Voter ID is NOT proof of being an Indian citizen — these are only identity documents, NOT citizenship PROOF under law.#BombayHighCourt
Founder : Dhirendra Kashyap pic.twitter.com/E7mtoN0Hu9
— MackThrust (@mackthrust_) August 14, 2025
फैसले का असर और takeaway
- यह फैसला अवैध प्रवासियों और नागरिकता विवाद में सख्त सत्यापन की याद दिलाता है।
- नागरिकता मौलिक अधिकार है, लेकिन इसे पाने या साबित करने के लिए कानूनी प्रक्रिया जरूरी है।
- ऐसे मामलों में कानूनी सलाह और आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा सबसे सुरक्षित रास्ता है।
इस लेख में दी गई जानकारी सिर्फ जानकारी के लिए है, इसे कानूनी सलाह न मानें। अगर आपको इस फैसले पर सवाल हैं या अपनी राय साझा करनी है, तो नीचे कमेंट करें!
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