Election Commission controversy 2025:दिल्ली में राजनीतिक हलचल , राहुल गांधी और विपक्षी सांसदों की ‘वोट चोरी’ के खिलाफ सशक्त मोर्चा
11 अगस्त 2025, दिल्ली: देश की राजनीति में आज एक नया तूफान आया है जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत लगभग 300 विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयोग के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। मामला है बिहार में मतदाता सूची में हुए ‘विशेष गहन संशोधन’ (SIR) को लेकर, जिसे विपक्षी दल ‘वोट चोरी’ की साजिश का हिस्सा बता रहे हैं।
Election Commission controversy 2025: ‘विशेष गहन संशोधन’ पर विपक्ष का तीखा हमला
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और भाजपा सरकार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि ये संशोधन लाखों गरीब, अल्पसंख्यक और वंचित मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर करने की योजना है। बेंगलुरु सेंट्रल सीट के मामले को उदाहरण देते हुए उन्होंने दावा किया कि वहां मतदाता सूची में जान-बूझकर गड़बड़ी की गई और सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिया गया ताकि ‘वोट चोरी’ को अंजाम दिया जा सके।
विरोध मार्च पर पुलिस का सख्त रुख, कई नेताओं को हिरासत में लिया गया
विरोध मार्च संसद भवन से शुरू होकर निर्वाचन सदन तक गया, जहां पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में लेकर संसद स्ट्रीट थाने ले जाया। राहुल गांधी के साथ-साथ प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा और अन्य प्रमुख विपक्षी नेता भी पुलिस की पकड़ में आए। इस दौरान, तृणमूल कांग्रेस की दो सांसद, महुआ मोइत्रा और मिताली बाग, बीमार होकर बेहोश हो गईं, जिनमें से महुआ को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चुनाव आयोग ने मांगे ठोस सबूत, जांच जारी
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उनके आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत मांगे हैं। वहीं, कर्नाटक के चुनाव अधिकारी ने भी एक महिला मतदाता के दावे की जांच की है, जिसने कहा था कि उसने दो बार मतदान किया। प्रारंभिक जांच में महिला ने ऐसा करने से इनकार किया है।
लोकतंत्र की परीक्षा या राजनीतिक खेल?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह घटना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर एक बड़ा सवालिया निशान है, जो आने वाले दिनों में राजनीतिक तापमान को और बढ़ा सकती है। राहुल गांधी और उनके समर्थक इसे लोकतंत्र की रक्षा का संघर्ष बता रहे हैं, जबकि भाजपा इसे विपक्षी दलों का निराधार आरोप करार दे रही है।
नज़र बनी रहे इस राजनीतिक नाटक पर
यह राजनीतिक नाटक न केवल संसद के गलियारों में बल्कि देश के आम नागरिकों के दिल-दिमाग में भी गहरा असर छोड़ रहा है। सवाल ये है कि इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच क्या लोकतंत्र की वास्तविक परख हो पाएगी? आप भी इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर नजर बनाए रखें, क्योंकि आने वाले दिन और भी कई खुलासे आपके सामने आ सकते हैं।