China AI chip export ban 2025: AI चिप्स पर बैन हटा, Nvidia-AMD देंगे मुनाफे का हिस्सा!
दोस्तों, जो टेक्नोलॉजी की दुनिया से जुड़े हैं, उनके लिए ये खबर एकदम ताज़ा और धमाकेदार है। AI चिप बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनियों Nvidia और AMD ने चीन में अपनी सेमीकंडक्टर चिप की बिक्री से होने वाले मुनाफे का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देने पर सहमति जताई है। जी हां, सही सुना आपने! यह समझौता चीन में एक्सपोर्ट लाइसेंस पाने की कीमत के तौर पर हुआ है।इस पूरे म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग के पीछे की कहानी है राजनीति, टेक्नोलॉजी, और बड़े-बड़े आर्थिक दांव-पेंच की। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।
China AI chip export ban : AI चिप्स और अमेरिका-चीन टकराव की पूरी कहानी
अक्टूबर 2022 में, जो बाइडेन प्रशासन ने चीन में एडवांस्ड AI चिप्स के एक्सपोर्ट पर कंट्रोल लगा दिया था। मकसद था चीन को उसकी तेज़ होती टेक्नोलॉजी की ताकत से रोकना, क्योंकि AI चिप्स न सिर्फ आम कंप्यूटिंग के लिए हैं, बल्कि मिलिट्री टेक्नोलॉजी में भी इस्तेमाल होते हैं।
विशेष रूप से, Autonomous Weapons Systems और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर सैन्य उपकरणों को संभालने में AI चिप्स की अहम भूमिका है। अमेरिका को डर था कि अगर ये चिप्स चीन तक पहुंच गए, तो वहां की सेना और टेक्नोलॉजी, अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।
इसलिए Nvidia के H100 और A100 जैसे पावरफुल GPU चिप्स की चीन में बिक्री पर पाबंदी लगाई गई, जिससे कंपनी को अरबों डॉलर का भारी नुकसान झेलना पड़ा।
क्या हुआ अब? Nvidia और AMD ने क्या फैसला लिया?
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, Nvidia और AMD ने चीन में अपने AI चिप्स की बिक्री से होने वाले मुनाफे का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देने पर सहमति जताई है। इस डील के तहत Nvidia अपने H20 चिप से होने वाली कमाई का 15% देगा, वहीं AMD भी अपने MI308 चिप से हुए मुनाफे का इतना ही हिस्सा सरकार को देगा।
Nvidia के CEO जेनसन हुआंग ने भी इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति से चर्चा की है। कंपनी ने जून में चीन को H20 चिप की शिपमेंट फिर से शुरू करने के लिए लाइसेंस भी अप्लाई किया था।
Nvidia ने बीबीसी से कहा, “हम वैश्विक बाजारों में अमेरिकी नियमों का पालन करते हैं और हमें उम्मीद है कि ये नियम अमेरिका को चीन सहित पूरी दुनिया में प्रतिस्पर्धी बनाए रखेंगे।”
इस डील का बड़ा असर — कंपनी और टेक इंडस्ट्री पर
- निवेश और मुनाफा: Nvidia और AMD को अब अपने चीन के बिजनेस से होने वाले भारी मुनाफे का 15% हिस्सा अमेरिका को देना होगा, जो उनकी कमाई पर सीधा असर डालेगा।
- चीन मार्केट की अहमियत: चीन AI चिप्स का सबसे बड़ा मार्केट है। यहां एक्सपोर्ट बिना लाइसेंस के संभव नहीं, तो ये डील कंपनियों के लिए ज़रूरी भी है।
- वैश्विक टेक्नोलॉजी की टक्कर: ये समझौता अमेरिका-चीन के बीच तकनीक की होड़ को और तेज करेगा। चीन अपनी AI टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा पैसा जुटा सकेगा।
- सेक्योरिटी कन्सर्न: अमेरिका की चिंता ये है कि एडवांस्ड चिप्स का गलत इस्तेमाल सैन्य क्षेत्र में न हो, इसीलिए एक्सपोर्ट कंट्रोल कड़ा रखा गया है।
Nvidia को हुआ कितना नुकसान?
2023 की शुरुआत में Nvidia को लगभग 5.5 अरब डॉलर का भारी नुकसान झेलना पड़ा। जुलाई में तो 8 अरब डॉलर तक के नुकसान की आशंका जताई गई। ये नुकसान सीधे तौर पर उस बैन के चलते हुआ, जो चीन में उनके पावरफुल GPU चिप्स की बिक्री पर लगा था।
खास बात:
Nvidia ने महीनों तक चीन में H20 चिप की शिपमेंट बंद रखी थी, अब जब ये डील हुई है, तो उम्मीद है कि बिक्री फिर से शुरू हो सकेगी, लेकिन शर्तों के साथ।
दोस्तों, ये फैसला सिर्फ बिजनेस का नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक और सुरक्षा मसले का हिस्सा है। AI चिप्स की इस बहस में टेक्नोलॉजी, सरकारें, और कंपनियां तीनों की अहम भूमिका है। Nvidia और AMD का ये 15% मुनाफा शेयर करना दिखाता है कि ग्लोबल टेक्नोलॉजी मार्केट अब पूरी तरह से राजनीतिक प्रभावों से प्रभावित है। देखना ये होगा कि आगे आने वाले महीनों में चीन और अमेरिका के बीच यह टेक्नोलॉजी टकराव कैसे आगे बढ़ता है, और क्या ये डील Nvidia-AMD के लिए फायदे का सौदा साबित होगी या नहीं।