Pahalgam Attack:भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए 5 प्रमुख कदम,सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने भारत को एक बार फिर पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। इस हमले में 28 निर्दोष लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच प्रमुख कड़े कदम उठाए हैं, जिनका उद्देश्य पाकिस्तान पर दबाव डालना और आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति को लागू करना है।
Pahalgam Attack:आतंकवाद को समर्थन देने वाले देश को कड़ा संदेश

1. इंडस वाटर संधि निलंबित की गई
भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हस्ताक्षरित इंडस वाटर संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस संधि के तहत पाकिस्तान को सिंध, झेलम और चेनाब नदियों का उपयोग करने का अधिकार है, जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का उपयोग करने का अधिकार प्राप्त है। भारत का यह कदम पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित करने और इस मुद्दे पर लगातार अनदेखी करने के कारण उठाया गया है। पाकिस्तान ने इस कदम की आलोचना की और इसे जल समझौते से पीछे हटने का बहाना बताया है, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि यह कदम पाकिस्तान के कृत्यों के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया है।
2. पाकिस्तानी सैन्य राजनयिकों को ‘अस्वीकार्य व्यक्ति’ घोषित किया गया
भारत ने पाकिस्तान के उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य, रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘अस्वीकार्य व्यक्ति’ (persona non grata) घोषित कर दिया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया। यह कार्रवाई भारत की सुरक्षा के प्रति गंभीरता को दर्शाती है और पाकिस्तान के सैन्य दखलअंदाजी को रोकने की कोशिश है। इसके साथ ही, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और पहले जारी किए गए SVES वीजा को भी रद्द कर दिया गया है।
3. पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती
भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित करने के कारण यह कदम उठाया गया है। यह कदम एक कड़ी प्रतिक्रिया है जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत के निर्णयों का संकेत देता है। पाकिस्तान ने इस कदम की आलोचना की और इसे जल समझौते से पीछे हटने का बहाना बताया है, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि यह आतंकवाद के खिलाफ उनकी नीति का हिस्सा है।
4. वाघा-अटारी सीमा पार यात्री यातायात बंद
भारत ने पाकिस्तान के साथ वाघा-अटारी सीमा को यात्री यातायात के लिए बंद कर दिया है। वाघा-अटारी सीमा भारतीय पंजाब के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर को जोड़ने वाली प्रमुख सीमा है। इस फैसले से पाकिस्तान और भारत के बीच एकमात्र सड़क यातायात को रोक दिया गया है। अटारी चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है, और जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ पहले ही पाकिस्तान से भारत में आ चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 तक लौटने की अनुमति दी गई है। यह कदम पाकिस्तान के खिलाफ भारत के कड़े रुख का हिस्सा है।
5. पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश
भारत ने पाकिस्तान के सभी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों को रोकने और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की नीति को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इन पांच प्रमुख कदमों के माध्यम से भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि वह सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का वादा किया है। भारत ने इन कदमों के जरिए यह संदेश दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और पाकिस्तान को किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने का कोई मौका नहीं देगा। हालांकि, पाकिस्तान ने इन कदमों की आलोचना की है और इसे जल समझौते से पीछे हटने का बहाना बताया है, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि यह कदम उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए हैं।