CJI DY Chandrachud: ऐतिहासिक फैसले और भारतीय न्यायपालिका में परिवर्तन
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ का कार्यकाल, जो 10 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है, भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दौर माना जा रहा है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए और न्यायपालिका के दायित्व को लेकर एक नई सोच को आगे बढ़ाया। उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर से नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे।
CJI DY Chandrachud:-
न्यायपालिका और समाज के प्रति जिम्मेदारी
अपने अंतिम दिनों में चंद्रचूड़ ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनका कार्यकाल भारतीय संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के प्रति समर्पित रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का काम केवल सरकार की नीतियों का विरोध करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि संवैधानिक अधिकारों और समाज के सभी वर्गों के अधिकारों की रक्षा हो।
ऐतिहासिक निर्णय और महत्वपूर्ण कार्य
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के कार्यकाल के दौरान निम्नलिखित प्रमुख निर्णय लिए गए, जो समाज में व्यापक परिवर्तन के प्रतीक बने:
- महिला अधिकारों की सुरक्षा: महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ समान व्यवहार, सुरक्षा, और लैंगिक समानता के लिए सख्त नियम बनाए और कई निर्णय दिए, जो भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर बने।
- दलित एवं आदिवासी अधिकार: एक घटना में उन्होंने दलित छात्र के साथ IIT धनबाद में हुए भेदभाव पर सख्त टिप्पणी की और देश के सभी संस्थानों को समान अवसर देने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि जातिगत भेदभाव समाज की प्रगति में बाधक है, और यह संविधान की मूल भावना का उल्लंघन है।
- अल्पसंख्यकों के अधिकार: न्यायपालिका में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने कई फैसले किए, जो संविधान में निहित समानता और न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप थे।
CJI DY Chandrachud:-
“मुझे ट्रोल करने वाले सोमवार से क्या करेंगे? वह तो बेरोजगार हो जाएंगे”
◆ विदाई भाषण में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने ली चुटकी#DYChandrachud #ChiefJustice #CJI | CJI DY Chandrachud pic.twitter.com/BdIwSE1bYI
— News24 (@news24tvchannel) November 8, 2024
सेवानिवृत्ति के बाद की जिम्मेदारियां और न्यायपालिका की भूमिका
जस्टिस चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को उनकी विरासत को आगे बढ़ाना होगा, जो अगले छह महीनों तक इस पद पर रहेंगे। न्यायपालिका की भूमिका के विषय में चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज की सभी समस्याओं का हल अदालत के माध्यम से नहीं हो सकता, और इसकी असली शक्ति संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखना है।
उनकी सोच को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि चंद्रचूड़ का कार्यकाल भारतीय न्यायपालिका में एक ऐसी लहर लाने का प्रयास था, जिसमें संवैधानिक दायित्वों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का काम किया गया।
इस प्रकार, चंद्रचूड़ का कार्यकाल न केवल उनके व्यक्तिगत करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, बल्कि भारतीय न्यायपालिका के प्रति समाज की उम्मीदों को नई दिशा देने का भी एक सफल प्रयास रहा।