Ratan Tata’s Legacy:- रतन टाटा का 10 अक्टूबर 2024 को मुंबई में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार थे, जिसके चलते उनका इलाज ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था। रतन टाटा को टाटा समूह का चेयरमैन एमेरिटस माना जाता था, और उनकी नेतृत्व क्षमता ने टाटा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक “दृढ़निश्चयी व्यापारिक नेता और दयालु इंसान” के रूप में याद किया।
रतन टाटा एक अज्ञात पहलू और प्रेरणादायक जीवन, रतन टाटा का नाम भारतीय उद्योग जगत में एक बड़े सम्मान और प्रतिष्ठा से जुड़ा है। टाटा ग्रुप को एक वैश्विक पहचान दिलाने में उनकी अहम भूमिका रही है, लेकिन उनके जीवन के कुछ पहलू ऐसे हैं जो आम लोगों के लिए कम ज्ञात हैं। आइए, उनके जीवन के कुछ ऐसे अनछुए पहलुओं पर नज़र डालते हैं, जो उन्हें और भी खास बनाते हैं:
Ratan Tata’s Legacy:-
1. साधारण जीवनशैली
हालांकि रतन टाटा एक बेहद समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखते थे और दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट साम्राज्यों में से एक का नेतृत्व किया, फिर भी उनका जीवन बेहद सादगी भरा था। उन्होंने कभी विलासिता को तवज्जो नहीं दी। वे एक साधारण अपार्टमेंट में रहते थे और अपनी दिनचर्या में निजी जेट या महंगे गाड़ियों का कम ही उपयोग करते थे। उनका मानना था कि असली खुशी सरलता में है, और वे इसी सिद्धांत पर जीवन जीते रहे।
2. उनका असफल प्रेम
रतन टाटा के निजी जीवन में एक अनछुआ पहलू उनका असफल प्रेम है। बहुत कम लोग जानते हैं कि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की। जब वे अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्हें एक अमेरिकी महिला से प्यार हुआ था। उन्होंने शादी करने का मन भी बना लिया था, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उन्हें भारत लौटना पड़ा और यह रिश्ता आगे नहीं बढ़ पाया। इस घटना ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।
3. पायलट का लाइसेंस
रतन टाटा केवल एक उद्योगपति नहीं थे; वे एक प्रशिक्षित पायलट भी थे। उन्होंने 17 साल की उम्र में ही पायलट का लाइसेंस प्राप्त कर लिया था और वे एक उत्कृष्ट एविएटर थे। यह पहलू शायद उनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। उन्हें विमान उड़ाने का खास शौक था, और इस शौक को वे हमेशा अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद निभाते रहे।
4. दुनिया का सबसे सस्ता कार: नैनो
रतन टाटा ने हमेशा भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ऐसे उत्पाद बनाने पर जोर दिया, जो हर वर्ग तक पहुंच सकें। टाटा नैनो, जिसे दुनिया की सबसे सस्ती कार कहा जाता है, उन्हीं की सोच का नतीजा था। नैनो का उद्देश्य था कि आम आदमी के पास भी चार पहियों वाली कार हो। हालांकि, नैनो का वाणिज्यिक सफलता पाना मुश्किल रहा, लेकिन यह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में क्रांति लाने वाला कदम था।
Ratan Tata’s Legacy-
Words fall short today.
Mr. Ratan Tata’s
profound humanity and selfless compassion shall always inspire us.
He will forever be remembered as our beloved mentor. pic.twitter.com/hDddj1bTcT
— Taj Hotels (@TajHotels) October 9, 2024
5. परोपकारिता और विनम्रता
रतन टाटा की परोपकारी सोच और मानव सेवा के कार्य भी अनगिनत हैं। टाटा ग्रुप का मुनाफा मुख्य रूप से टाटा ट्रस्ट्स में जाता है, जो देशभर में स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज सेवा के कार्यों में योगदान करता है। रतन टाटा खुद कई सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी इसका प्रचार-प्रसार नहीं किया। 26/11 मुंबई हमले के बाद, उन्होंने ताज होटल में न केवल कर्मचारियों का समर्थन किया, बल्कि हर पीड़ित परिवार की व्यक्तिगत रूप से सहायता भी की।
6. अंतर्राष्ट्रीय पहचान
रतन टाटा को न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत मान्यता प्राप्त है। उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा नाइट ग्रैंड क्रॉस ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर से नवाजा गया। यह सम्मान दुनिया में बहुत कम लोगों को मिलता है और यह उनकी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा का प्रमाण है।
7. छोटे जानवरों के लिए अस्पताल
उनके दिल में जानवरों के प्रति विशेष प्रेम था। रतन टाटा ने एक पशु चिकित्सालय स्थापित करने का भी सपना देखा था, जो मुंबई में छोटे जानवरों के लिए एक अस्पताल के रूप में शुरू किया गया। यह पहल उनके जीवन के आखिरी दिनों तक जारी रही, और इसका उद्देश्य था कि जानवरों को बेहतर इलाज और देखभाल मिल सके।
रतन टाटा न केवल एक उद्योगपति थे, बल्कि एक प्रेरणास्रोत, एक मानवतावादी, और एक सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले व्यक्ति भी थे। उनके जीवन की ये अनसुनी कहानियां उन्हें और भी महान और प्रेरणादायक बनाती हैं। उनके द्वारा किए गए कामों का प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक बना रहेगा।