ISRO GAGANYAAN MISSION: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के इतिहास में गगनयान मिशन को सबसे महत्वपूर्ण मिशन में से एक माना जा रहा है। इसके जरिए पहली बार एस्ट्रोनोट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
GAGANYAAN MISSION—
GAGANYAAN MISSION—
प्रशांत बालाकृष्णन नायर: इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर केरल के रहने वाले हैं। उन्होंने रूस में स्पेस फ्लाइट मिशन की ट्रेनिंग ली है। उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रेजुएशन किया और 1999 में वायुसेना में कमीशन अधिकारी के तौर पर शामिल हुए। वह एक फाइटर पायलट हैं, जिन्हें सुखोई लड़ाकू विमान उड़ाने में महारत हासिल है। वह अलाबामा में यूएस एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से फर्स्ट रैंक के साथ ग्रेजुएट हैं।
अजीत कृष्णन: गगनयान मिशन के लिए जिन चार ‘अंतरिक्ष वीरों’ का चयन हुआ है। उसमें ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चार क्रू मेंबर्स में से तीन को ही गगनयान मिशन के लिए सेलेक्ट किया जाएगा। इस बात की भी जानकारी सामने आई है कि चारों लोगों का चयन 12 शॉर्टलिस्ट किए गए लोगों में से हुआ है।
GAGANYAAN MISSION—
This is huge!! Indian govt officially announces 4 Indian astronauts for the #Gaganyaan mission to space.
1) Gp Capt Prashanth Nair
2) Gp Capt Ajit Krishnan
3) Gp Capt Angad Pratap
4) Wg Cdr Shubhanshu ShuklaGolden era of Indian space program ❤️🫡
— Mr Sinha (@MrSinha_) February 27, 2024
अंगद प्रताप: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने बताया है कि ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने भी बाकी के तीनों लोगों के साथ रूस में 13 महीनों तक ट्रेनिंग ली है। वह भी गगनयान मिशन के तहत स्पेस में भारत का झंडा फहराने के लिए जाने वाले हैं।
सुभांशु शुक्ला: विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने भी रूस की राजधानी मास्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ली है। वह भी इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले हैं।
गगनयान मिशन (GAGANYAAN MISSION)के तहत पृथ्वी की सतह से 400 किमी की ऊंचाई पर ऑर्बिट में चारों एस्ट्रोनॉट्स को भेजा जाएगा। इसरो का ये मिशन तीन दिनों का है। मिशन पूरा करने के बाद ये एस्ट्रोनोट्स अरब सागर में लैंड करेंगे।