Corona virus Update:- दिल्ली में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट जेएन.1 का केस सामने आया है. दिल्ली के के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसकी पुष्टि की है.
1)Coronavirus Cases in Delhi: देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस बीच कोविड 19 ने दिल्ली में भी दस्तक दे दी है. राजधानी में बुधवार (27 दिसंबर) को जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस बात की जानकारी दी है.
#WATCH | Delhi: On the Covid situation, Delhi Health Minister and AAP leader Saurabh Bhardwaj says, “In Delhi, we have started RTPCR testing and around 250 to 400 RTPCR tests are being conducted daily. 2 positive cases were there in yesterday’s report. A total of 4-5 patients are… pic.twitter.com/0H8ovMobRB
— ANI (@ANI) December 27, 2023
उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि दिल्ली में कोविड 19 के सब-वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 नमूनों में से एक जेएन.1 और दो नमूनों में ओमीक्रॉन वैरिएंट मिला है.
Corona virus Update –
2)8 राज्यों में पहले ही दस्तक दे चुका है JN.1
इसके साथ देशभर में जेएन.1 वैरिएंट के मामलों की संख्या 110 हो गई है. दिल्ली से पहले 8 राज्यों में JN.1 के मामले पहले सामने आ चुके हैं. इन राज्यों में गुजरात, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र,केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं.
JN.1 वैरिएंट के सबसे ज्यादा 36 केस गुजरात से सामने आए हैं, जबकि कर्नाटक में इसके 34 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. नए वैरिएंट से प्रभावित ज्यादातर मरिजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है.
3)कोरोना के 529 नए मामले दर्ज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक बुधवार (27 दिसंबर) को भारत में कोरोना के 529 नए मामले सामने आए. इसके साथ कुल एक्टिव मामलों की संख्या 4093 हो गई है. इसके अलावा वायरस से 3 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में 2 लोग कर्नाटक के और एक गुजरात का शख्स शामिल हैं.
4)’92 प्रतिशत लोगों का घर पर हो रहा इलाज’
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा था कि नए वैरिएंट की बारीकी से जांच की जा रही है. इस दौरान उन्होंने राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने और अपनी सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि संक्रमित लोगों में से 92 प्रतिशत लोगों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है.